NEET Admission: झारखंड के गोड्डा जिले में स्थित स्टेट होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के छात्र और अभिभावक इस समय गहरी चिंता में हैं। राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (एनसीएस) की ओर से इस कॉलेज को 2025-26 सत्र में BHMS कोर्स में दाखिले की अनुमति नहीं दी गई है। कॉलेज में पाई गई गंभीर खामियों की वजह से यह फैसला लिया गया है, जिससे NEET पास छात्रों को बड़ा झटका लगा है।
निरीक्षण में सामने आई गंभीर खामियां
राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के चिकित्सा आंकलन और रेटिंग बोर्ड (MARBH) की टीम ने 24 और 25 जून 2025 को कॉलेज का फिजिकल निरीक्षण किया था। इसके बाद 3 जुलाई को वर्चुअल सुनवाई की गई। जांच में पता चला कि कॉलेज मेडिकल एजुकेशन स्टैंडर्ड (MES-2024) के तहत निर्धारित न्यूनतम मानकों को पूरा करने में विफल है। कई विभागों में शिक्षकों की भारी कमी पाई गई है और कई जरूरी सुविधाएं कॉलेज में मौजूद ही नहीं हैं।
अस्पताल सुविधाओं की हालत बेहद खराब
कॉलेज से जुड़े अस्पताल की स्थिति भी बहुत खराब पाई गई। रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में ना तो फिजियोथैरेपी इकाई है और ना ही एक्स-रे जैसी बुनियादी मशीनें। इमरजेंसी यूनिट, लेबर रूम और कैजुअल्टी रूम भी कार्य नहीं कर रहे हैं। जनरल फिजिशियन, गायनेकोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट और नर्सिंग स्टाफ समेत लगभग हर जरूरी पद खाली है, जो किसी भी मेडिकल कॉलेज के लिए गंभीर स्थिति मानी जाती है।
शिक्षकों की भारी कमी बनी मुख्य वजह
स्टाफ की कमी सबसे बड़ी वजह बनी है इस फैसले के पीछे। एनाटॉमी और फिजियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर से लेकर असिस्टेंट प्रोफेसर तक कोई नहीं है। कुल मिलाकर 12 विभागों में 31 मेडिकल शिक्षक के पद रिक्त हैं। इतना ही नहीं, शिक्षकों को मिलने वाला वेतनमान भी आयोग द्वारा तय मापदंडों के अनुसार नहीं है, जिससे संस्थान की साख पर सवाल उठते हैं।
अन्य मानकों में भी मिली लापरवाही
कई अन्य बुनियादी ढांचे जैसे कि स्किल लैब, आपातकालीन यूनिट, कैडावर एनाटॉमी लैब, योग डिपार्टमेंट में उपकरण, और प्रोसेसिंग फीस पर जीएसटी भुगतान जैसे जरूरी बिंदुओं पर भी कॉलेज फेल हो गया। अस्पताल को अभी तक NABH और लैब को NABL से कोई मान्यता नहीं मिली है, जिससे उसकी गुणवत्ता और विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
30 दिन में अपील का विकल्प
हालांकि, आयोग ने कॉलेज को 30 दिन के भीतर अपील करने का विकल्प दिया है। यदि कॉलेज इस फैसले से असंतुष्ट है, तो वह राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के समक्ष अपील कर सकता है। लेकिन जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक 2025-26 सत्र में दाखिले की कोई संभावना नहीं है।
Disclaimer: यह समाचार केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए लिखा गया है। किसी भी आधिकारिक फैसले या दाखिला प्रक्रिया से पहले संबंधित सरकारी अथवा आयोग की वेबसाइट से पूरी जानकारी अवश्य प्राप्त करें। योजनाएं और नियम समय के अनुसार बदल सकते हैं।