पति की खानदानी प्रोपर्टी में पत्नी का अधिकार होता है या नहीं, जान लें कानून property rights

By Shruti Singh

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women's property rights

Women’s Property Rights: आज के समय में प्रॉपर्टी विवाद और अधिकारों को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। लेकिन पति की खानदानी प्रॉपर्टी में पत्नी के अधिकार को लेकर अब भी समाज में काफी भ्रम है। बहुत सी महिलाएं यह नहीं जानतीं कि शादी के बाद उनका पति की संपत्ति पर कानूनी अधिकार क्या होता है। इसी वजह से अक्सर कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़ते हैं। ऐसे में अगर आप भी इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

पति की खुद की खरीदी प्रॉपर्टी में पत्नी का हक

अगर पति की प्रॉपर्टी स्वअर्जित यानी खुद की कमाई से खरीदी गई है तो उस पर पत्नी का सीधा कानूनी हक नहीं होता। पति यह तय करने के लिए स्वतंत्र होता है कि वह अपनी प्रॉपर्टी किसे देना चाहता है। हालांकि तलाक के दौरान या अलगाव की स्थिति में पत्नी गुजारा भत्ते (मेंटेनेंस) की मांग जरूर कर सकती है। लेकिन पति की खरीदी गई प्रॉपर्टी में अधिकार तभी मिलेगा जब कोर्ट आदेश दे या कोई आपसी समझौता हो।

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तलाक के केस में पत्नी का अधिकार

जब पति-पत्नी के बीच तलाक का केस चलता है तो पत्नी को पति की प्रॉपर्टी में हिस्सा मिलने का अधिकार हो सकता है। अगर प्रॉपर्टी ज्वाइंट नेम यानी दोनों के नाम पर हो तो दोनों को बराबर हक मिलेगा। कोर्ट इस आधार पर फैसला करता है कि प्रॉपर्टी में किसका कितना आर्थिक योगदान रहा है। अगर दोनों ने मिलकर खरीदी है तो दोनों का हक माना जाएगा, अन्यथा सिर्फ मेंटेनेंस की ही डिमांड की जा सकती है।

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साझा नाम वाली प्रॉपर्टी में अधिकार

अगर पति और पत्नी ने मिलकर किसी प्रॉपर्टी को अपने संयुक्त नाम से रजिस्टर्ड कराया है तो दोनों उसमें समान रूप से हकदार होते हैं। तलाक के बाद यह प्रॉपर्टी दोनों में बंट सकती है। कोर्ट यह देखेगा कि प्रॉपर्टी खरीदते समय किसका कितना योगदान रहा है। सबूत के तौर पर बैंक स्टेटमेंट या रजिस्ट्री डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ेगी। इसलिए हर महिला को चाहिए कि ऐसे दस्तावेज हमेशा सुरक्षित रखें।

पति की खानदानी संपत्ति में पत्नी का हक

सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या पत्नी का पति की खानदानी प्रॉपर्टी में अधिकार होता है? तो इसका जवाब है हां, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। पत्नी को अपने ससुराल में रहने का पूरा अधिकार होता है। अगर पति के पास खानदानी प्रॉपर्टी है तो बच्चों के जरिए पत्नी को अप्रत्यक्ष रूप से उसका हिस्सा मिल सकता है। हालांकि अगर पति वसीयत में पत्नी को हिस्सा न दे तो पत्नी को कानूनी रूप से कोई हक नहीं मिलेगा। इस मामले में फैसला कोर्ट की प्रक्रिया पर निर्भर करता है।

वसीयत का प्रभाव और कानूनी प्रक्रिया

अगर पति ने अपनी संपत्ति को लेकर वसीयत बना दी है और उसमें पत्नी का नाम नहीं है तो पत्नी को उस प्रॉपर्टी में हिस्सा नहीं मिलेगा। वसीयत के बिना अगर संपत्ति का बंटवारा होता है तो हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत पत्नी, बच्चों और माता-पिता को बराबर अधिकार दिया जाता है। लेकिन हर केस की परिस्थितियां अलग होती हैं, इसलिए कोर्ट ही अंतिम फैसला सुनाता है।

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Disclaimer: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई कानूनी बातें सिर्फ सामान्य मार्गदर्शन के लिए हैं। किसी भी प्रकार के संपत्ति विवाद या कानूनी कार्रवाई से पहले योग्य वकील या कानूनी सलाहकार से व्यक्तिगत सलाह अवश्य लें।

Shruti Singh

Shruti Singh is a skilled writer and editor at a leading news platform, known for her sharp analysis and crisp reporting on government schemes, current affairs, technology, and the automobile sector. Her clear storytelling and impactful insights have earned her a loyal readership and a respected place in modern journalism.

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