EMI बाउंस मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, आपने भी ले रखा है लोन तो हो जाएं सावधान – Supreme Court Rule on EMI Bounce

By Shruti Singh

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Supreme Court Rule on EMI Bounce

EMI Bounce: सुप्रीम कोर्ट ने लोन की EMI बाउंस होने से जुड़े एक अहम मामले में बड़ा और ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अब यदि आपने भी बैंक या किसी फाइनेंस कंपनी से लोन ले रखा है तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी हो जाती है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि यदि कोई व्यक्ति लगातार ईएमआई भरने में असफल रहता है तो फाइनेंसर कंपनी को वाहन जब्त करने का पूरा अधिकार होगा। इस फैसले के बाद लोन लेने वालों में खलबली मच गई है और सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा जोरों पर है।

गाड़ी का असली मालिक फाइनेंसर रहेगा

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि जब तक लोन की सभी किश्तें पूरी तरह चुकता नहीं हो जातीं, तब तक वाहन का असली मालिक फाइनेंसर ही माना जाएगा। यदि ग्राहक लगातार EMI बाउंस करता है तो फाइनेंस कंपनी वाहन पर कब्जा जमा सकती है। यह कार्यवाही किसी भी तरह से गैरकानूनी नहीं मानी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ऐसे लोगों के लिए बड़ी चेतावनी है जो लोन लेकर समय पर भुगतान नहीं करते।

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बिना नोटिस उठाई गई गाड़ी पर भी मिली राहत

इस केस में फाइनेंसर ने बिना नोटिस दिए ही ग्राहक की गाड़ी जब्त कर ली थी। निचली अदालत ने इस पर आपत्ति जताते हुए फाइनेंसर पर भारी जुर्माना ठोका था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस जुर्माने को रद्द कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि बिना नोटिस वाहन जब्त करना सही नहीं है। इसी वजह से फाइनेंसर कंपनी पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। इससे साफ हो गया है कि आगे से फाइनेंसर कंपनियों को ग्राहक को समय रहते नोटिस देना अनिवार्य होगा।

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पांच महीने तक दिया गया था अवसर

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इस बात पर जोर दिया कि फाइनेंसर कंपनी ने लोनधारक को काफी समय दिया था। लोनधारक ने केवल शुरुआती 7 महीनों तक ही EMI भरी और उसके बाद लगातार 5 महीने तक कोई भुगतान नहीं किया। ऐसे में फाइनेंसर के पास वाहन जब्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। कोर्ट ने यह भी माना कि फाइनेंसर ने प्रक्रिया के दौरान पूरा धैर्य दिखाया और ग्राहक को समय दिया।

सभी लोनधारकों के लिए बना सख्त संदेश

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आने वाले समय में सभी लोनधारकों के लिए बड़ी चेतावनी बन गया है। अब यदि कोई भी व्यक्ति बैंक या फाइनेंस कंपनी से लोन लेता है तो उसे EMI का भुगतान समय पर करना ही होगा। अन्यथा फाइनेंसर के पास यह कानूनी अधिकार रहेगा कि वह वाहन जब्त कर सके। यह फैसला न सिर्फ कार लोन बल्कि अन्य तरह के लोन पर भी असर डाल सकता है। इसलिए लोन लेने से पहले और EMI चुकाने में अब लापरवाही से बचना ही समझदारी होगी।

Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर आधारित है। किसी भी लोन विवाद या कानूनी सलाह के लिए कृपया किसी अधिकृत वकील या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।

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Shruti Singh

Shruti Singh is a skilled writer and editor at a leading news platform, known for her sharp analysis and crisp reporting on government schemes, current affairs, technology, and the automobile sector. Her clear storytelling and impactful insights have earned her a loyal readership and a respected place in modern journalism.

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